Ad

Bihar Govt

10 रुपये की फिक्स डिपॉजिट पर मिलेंगे पेड़, किसानों की होगी बंपर कमाई

10 रुपये की फिक्स डिपॉजिट पर मिलेंगे पेड़, किसानों की होगी बंपर कमाई

इन दिनों देश में खेती किसानी को भी मुनाफे वाले व्यवसायों में गिना जाने लगा है, क्योंकि अब देश के किसान आधुनिक तरीकों से खेती करके कम समय में अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं। अब किसान पारंपरिक खेती के अलावा पेड़ों की खेती की तरफ भी आकर्षित हो रहे हैं। अगर किसान धैर्य बनाए रखें तो कई ऐसे पेड़ हैं जो समय के साथ किसानों को बंपर मुनाफा प्रदान करते हैं। किसानों की आय बढ़ाने को ध्यान में रखते हुए बिहार राज्य के वन विभाग ने एक नई योजना लॉन्च की है, जिसे 'कृषि वानिकी योजना' कहा जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत वन विभाग की तरफ से किसानों को मात्र 10 रुपये की सिक्योरिटी डिपोजिट पर पौधे दिए जा रहे हैं। 3 साल बाद यह सिक्योरिटी डिपोजिट 6 गुना अधिक अनुदान के साथ किसानों को वापस कर दी जाएगी। इस योजना का उद्देश्य खेतों में फसलों के साथ बड़े स्तर पर पेड़ लगाना है, जिसके लिए सरकार लगातार प्रयत्नशील है। ये भी पढ़े: इन 8 योजनाओं से बढ़ेगी किसानों की स्किल, सरकार दे रही है मौका ट्विटर पर जारी 'मुख्यमंत्री कृषि वानिकी योजना' के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि इस योजना के अंतर्गत 10 रुपये प्रति पौधा सिक्योरिटी डिपोजिट देकर वन विभाग की नर्सरी से 25 से अधिक पौधे खरीदने होंगे। अगर तीन साल बाद 50 फीसदी पौधे जीवित रहते हैं तो किसान को प्रति पौधा 60 रुपये का अनुदान दिया जाएगा। साथ ही जमा किया गया सिक्योरिटी डिपोजिट भी किसान को वापस कर दिया जाएगा।

इस योजना से ये होंगे लाभ

इस योजना के अंतर्गत पेड़ लगाने से किसानों को अतिरिक्त आय होगी। इसके साथ ही शीशम, अमरूद, गंभीर, आंवला, महोगनी, सागौन, पीपल, जामुन, कचनार, गुलमोहर, आम नीलगिरी, नीम, कदम, बहेड़ा, पलास आदि के पेड़ों की संख्या भी बढ़ेगी। ये पेड़ आगे चलकर पर्यावरण संरक्षण में भी अपना योगदान देंगे।

इस योजना के तहत लाभ उठाने के लिए ऐसे करें आवेदन

इस योजना का लाभ उठाने के लिए बिहार राज्य का निवासी होना आवश्यक है। इसके लिए किसान भाई अपने जिले के कृषि विभाग या वन विभाग के कार्यालय में जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के साथ किसानों को मांगे गए दस्तावजों की फोटो कॉपी लगानी होगी। जिसके बाद अधिकारियों के द्वारा वेरिफिकेशन किया जाएगा। वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद पौधे किसानों को दे दिए जाएंगे। साथ ही समय समय पर इन पौधों का निरीक्षण भी किया जाएगा। 3 साल बाद यदि 50 फीसदी पौधे सुरक्षित रहते हैं तो अनुदान और सिक्योरिटी डिपॉजिट की राशि किसान के खाते में जमा कर दी जाएगी। इसके अलावा अधिक जानकारी बिहार के वन विभाग की वेबसाइट  https://forestonline.bihar.gov.in से प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही 0612-2226911 पर फोन के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं।
बिहार सरकार मशरूम की खेती के लिए 50 प्रतिशत अनुदान प्रदान कर रही है

बिहार सरकार मशरूम की खेती के लिए 50 प्रतिशत अनुदान प्रदान कर रही है

बतादें कि वर्तमान में बिहार सरकार मशरूम के ऊपर विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है। बिहार सरकार का कहना है, कि मशरूम की खेती से राज्य के लघु एवं सीमांत किसानों की आमदनी में इजाफा किया जा सकता है। बिहार राज्य में किसान पारंपरिक फसलों समेत बागवानी फसलों का भी जमकर उत्पादन करते हैं। यही कारण है, कि बिहार मखाना, मशरूम, लंबी भिंडी और शाही लीची के उत्पादन में अव्वल दर्जे का राज्य बन चुका है। हालांकि, राज्य सरकार से किसानों को बागवानी फसलों की खेती करने के लिए बंपर सब्सिडी भी दी जा रही है. इसके लिए राज्य सरकार प्रदेश में कई तरह की योजनाएं चला रही हैं. इन योजनाओं के तहत किसानों को आम, लीची, कटहल, पान, अमरूद, सेब और अंगूर की खेती करने पर समय- समय पर सब्सिडी दी जाती है।

हजारों की संख्या में किसान अपने घर के अंदर ही मशरूम उगा रहे हैं

बतादें कि मशरूम बागवानी के अंतर्गत आने वाली फसल है। साथ ही, मशरूम की खेती में काफी कम खर्चा आता है। मशरूम उत्पादन हेतु खेत व सिंचाई की भी कोई आवश्यकता नहीं होती है। यदि किसान भाई चाहें तो अपने घर के अंदर भी मशरूम का उत्पादन कर सकते हैं। फिलहाल, बिहार में हजारों की तादात में किसान घर के अंदर ही मशरूम का उत्पादन कर रहे हैं। इससे उनको काफी अच्छी-खासी आमदनी भी हो रही है। दरअसल, मशरूम अन्य सब्जियों जैसे कि लौकी, फूलगोभी और करेला आदि की तुलना में महंगा बिकता है। अब ऐसी स्थिति में मशरूम की खेती करने पर किसानों को कम खर्च में अधिक मुनाफा होता है। यही वजह है, कि बिहार सरकार मशरूम की खेती पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही है।

मशरूम कम्पोस्ट उत्पादन पर 50 फीसद अनुदान

वर्तमान में बिहार राज्य के मशरूम उत्पादकों के लिए काफी अच्छा अवसर है। बतादें, कि फिलहाल कृषि विभाग एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के अंतर्गत मशरूम कम्पोस्ट उत्पादन पर 50 प्रतिशत अनुदान मुहैय्या करा रही है। मुख्य बात यह है, कि राज्य सरकार द्वारा कंपोस्ट उत्पादन के लिए इकाई लागत 20 लाख रुपए तय की गई है। उद्यान निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर किसान भाई इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। यह भी पढ़ें: बिहार में मशरूम की खेती कर महिलाएं हजारों कमा हो रही हैं आत्मनिर्भर

बिहार में पिछले साल हजारों टन मशरूम की पैदावार हुई थी

बिहार राज्य में बागवानी फसलों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार निरंतर कुछ न कुछ योजना जारी कर रही है। बिहार सरकार किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। अगर किसान भाई चाहें, तो अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रखंड उद्यान पदाधिकारी अथवा अपने जनपद के सहायक उद्यान निदेशक से सम्पर्क साध सकते हैं। बतादें, कि बिहार मशरूम उत्पादन के मामले में भारत के अंदर प्रथम स्थान पर है। इसके उपरांत दूसरे स्थान पर ओडिशा आता है। विगत वर्ष बिहार में 28000 टम मशरूम की पैदावार हुई थी।